नरसंहार-अपहरण
करता रहा वह
और धीरे-धीरे
सेलिब्रेटी बन गया
तो क्या
अनाथालय के उदघाटन में
फीता काटने के
योग्य हो गया ?
चुनाव में
कातिलों की फेहरिस्त में
होता है उसका भी नाम
उसकी पार्टी उसे
भावी राष्ट्र-निर्माता बताती है
तंत्र मुश्किल से
निकाल पाता है
एक भी गवाह
उसके खिलाफ
निचली और उच्च अदालतें
बेबस होकर देती है
क्लीन-चिट
फैसला आने तक
मामला सुप्रीम कोर्ट में है
और हम कटघरे में
जो उसे हत्यारा समझते हैं !
**सुशील कुमार**
करता रहा वह
और धीरे-धीरे
सेलिब्रेटी बन गया
तो क्या
अनाथालय के उदघाटन में
फीता काटने के
योग्य हो गया ?
चुनाव में
कातिलों की फेहरिस्त में
होता है उसका भी नाम
और वह जीत जाता है
चुनाव हर बार
लोग उसे रहनुमा समझकर
उसके असली जन-प्रतिनिधिहोने के दावे को बल देते हैं
औरउसकी पार्टी उसे
भावी राष्ट्र-निर्माता बताती है
तंत्र मुश्किल से
निकाल पाता है
एक भी गवाह
उसके खिलाफ
निचली और उच्च अदालतें
बेबस होकर देती है
क्लीन-चिट
फैसला आने तक
मामला सुप्रीम कोर्ट में है
और हम कटघरे में
जो उसे हत्यारा समझते हैं !
**सुशील कुमार**